झिंझाना: 14 मई(मुस्तकीम सैफी/एचडी न्यूज़)हदीस की प्रामाणिक किताब “बुखारी शरीफ़” का पहला पाठ मौलाना जमील अहमद (पूर्व विधायक) मीरांपुर द्वारा “मदरसा जमियातु सालिहात लिलबनात” में शुरू किया गया , समारोह को संबोधित करते हुए मौलाना ने कहा कि बुखारी शरीफ़ सहिह अल-बुखारी के रूप में, यह अहल -ए -सुन्नत वा जमात की हदीस की सबसे प्रसिद्ध पुस्तक है। उन्होंने कहा कि इमाम बुखारी ने 6 लाख हदीसौं में से इस पुस्तक को एकत्र किया। हदीसों किताबें में से इस किताब को अहल-ए- सुन्नत में एक विशेष दर्जा प्राप्त है, इसे शुद्ध सहीह हदीसों में लिखी जाने वाली पहली किताब माना जाता है। उन्होंने कहा कि इमाम बुखारी ने बुखारी शरीफ, हदीस की कला में विश्वास, नियम, व्याख्या, इतिहास, तपस्या और शिष्टाचार आदि के सभी अध्याय शामिल किए हैं।संस्था के माननीय मौलाना तय्यब क़ासमी ने कहा कि यह बुखारी शरीफ का आठवां जलसा है। उन्होंने कहा कि मदरसे में कस्बे और क्षेत्र की लगभग चार सौ लड़कियां पढ़ती हैं। कार्यक्रम में पहुंचे थाना प्रभारी इंस्पेक्टर धरमिंदर सिंह ने भी छात्रों को साइबर क्राइम के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि गैस सिलेंडर, कोरोना वैक्सीन या बैंक खाते से संबंधित दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान ओटीपी नहीं देना चाहिए . उन्होंने छात्राओं को महिला सुरक्षा के लिए हेल्पलाइन नंबर भी नोट कराए। इस मौके पर हाफिज अय्यूब, कारी शमीम, हाफिजशज़ याकूब, मुफ्ती बशीर, कारी इसराइल, मौलाना वासिक, मौलाना खालिद, मौलाना मुहम्मद अहमद, मुफ्ती अनवर, कारी इरशाद, मौलाना हामिद, हाजी अंसार, हाजी शब्बीर, हाजी फिरोज खान, गुलजार खान , हाजी हारून सैफी ,मास्टर एहसान शाह और शहर के अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए।