नई दिल्ली, 05 अगस्त (एच डी न्यूज़): AAP GOVT : दिल्ली नगर निगम (MCD) में एल्डरमैन की नियुक्ति का मामले में उपराज्यपाल (LG) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है और आम आदमी पार्टी सरकरा को झटका लगा है। जस्टिस पामिदीघंटम श्री नरसिम्हा और जस्टिस संजय कुमार ने अपने निर्णय में कहा कि उपराज्यपाल एल्डरमैन की नियुक्ति कर सकते हैं। फैसले में कहा गया है कि एलजी दिल्ली कैबिनेट की सलाह के बिना भी एल्डरमैन की नियुक्ति कर सकते हैं।
इस फैसले का मतलब है कि एलजी अब एमसीडी में 10 एल्डरमैन को नामित करने के लिए स्वतंत्र हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एलजी को इस बाबत निर्वाचित सरकार की सहायता और सलाह के अनुसार काम करने की आवश्यकता नहीं है। यानी दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नही मिली। एलजी की ओर से 10 पार्षद मनोनीत किए जाने के फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इस मामले में कोर्ट ने 17 मई 2023 को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
AAP GOVT : उप-राज्यपाल की ओर से 10 पार्षद मनोनीत किए जाने के फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। दिल्ली सरकार का कहना था कि उससे सलाह मशविरा के बिना एलजी ने मनमाने तरीके से इनकी नियुक्ति की है, इसलिए ये नियुक्ति रद्द होनी चाहिए। सुनवाई के दौरान उप-राज्यपाल ने कोर्ट से कहा था कि दिल्ली के प्रशासनिक काम में उन्हें दिल्ली सरकार की सलाह-सहायता से काम करना होता है, लेकिन नगर निगम में पार्षदों का मनोनयन इस दायरे में नहीं आता है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि उप-राज्यपाल बिना मंत्रिमंडल की सलाह के कोई फैसला कैसे कर सकते हैं। तब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली सरकार अधिनियम में 2019 में बदलाव के आधार पर एल्डरमैन की नियुक्ति की गई है। दिल्ली सरकार के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि पार्षद मनोनीत करना दिल्ली सरकार का अधिकार है, बावजूद इसके लोकतंत्र का अपमान किया जा रहा है।