नई दिल्ली, 7 जनवरी : झारखंड सरकार की कैबिनेट मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि कांग्रेस जुमले की नहीं, जरूरतमंदों की पार्टी है। जहां भी कांग्रेस या उसके गठबंधन वाली सरकार है, वह महिलाओं को केंद्र में रखते हुए उनके सशक्तिकरण के लिए काम कररही है। इस मामले में उन्होंने हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और झारखंड का उदाहरण दिया।
श्रीमती दीपिका पांडे सिंह ने बताया कि झारखंड में हमारी सरकार महिलाओं के खाते में सीधा 2500 रुपये दे रही है जिससे उनका आर्थिक सशक्तिकरण में मजबूती मिले। हमने अभी 56 लाख महिलाओं के खातों में लगभग 1500 करोड़ रुपये दे चुकी है। झारखंड में महिलाओं को निशुल्क सफर की व्यवस्था दे रहे है। मैं बताना चाहती हूॅ कि कांग्रेस पार्टी जो भी वादे जनता से करती है उन्हें पूरा करती है। चाहे कर्नाटक हो, हिमाचल प्रदेश हो, तेलंगाना हो, कर्नाटक हो, या गठबंधन में जम्मू में सरकार हो, सभी राज्यों जनता से किए वादों को पूरा करके अपनी योजनाओं को जनता तक पहुॅचा रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार हो या देश भर में राज्य सरकार वर्तमान में है या पीछे रही है सभी ने महिलाओं के विकास, उत्थान, और सशक्तिकरण के लिए काम किया है और जनसेवा में स्वास्थ्य, सुरक्षा, और शिक्षा जैसे विषय पर काम करना हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जुमलों की नही जरूरतमंदों की पार्टी है। श्रीमती दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि दिल्ली में पिछले 11 वर्षों से अरविन्द केजरीवाल सत्ता में रहने के बावजूद महिलाओं के लिए कुछ नही किया, परंतु चुनावी राजनीति के चलते महिलाओं को 2100 रुपये की घोषणा कर रहे है। मैं पूछना चाहती हूँ कि महिलाओं को पैसे देने से किसने रोका था। पंजाब में इनकी 35 महीनों से सरकार है और चुनावों 1000 रुपये देने वादा करके अभी तक वहां महिलाओं को यह राशि क्यों नही दी? उन्होंने कहा कि महंगाई की मार से महिलाएं जूझ रही है और केन्द्र सहित दिल्ली की सरकार ने महिलाओं की तंगी की तरफ कोई ध्यान नही दिया है और भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों चुनावों में महिलाओं के लिए लुभावनी की बात कर रहे है।
श्रीमती दीपिका पांडे सिंह ने राजधानी में अपराधों पर चिंता जताते हुए कहा कि महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों के प्रति भाजपा और आम आदमी पार्टी कितनी गंभीर है वो इस बात से पता चलता है कि राजधानी में 16 हजार बलात्कार और 30 हजार महिलाओं के अपहरण हुए है और दोषियों को सजा देने के लिए जो प्रयास हो रहे है वो देश के सामने बड़ा प्रश्न है? श्रीमती दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि मैं झारखंड से आती हूॅ और दिल्ली में भी झारखंड बिहार के पूर्वांचली लोग रहते है। छठ महापर्व पर विषैली यमुना में पूजा अर्चना करन में जो दिल्ली में श्रद्धालुओं को कठिनाई हुई उसके लिए अरविन्द केजरीवाल जिम्मेदार है कि 10 वर्षों में वादो के बावजूद यमुना हर दिन प्रदूषित हो रही है। दिल्ली में सांसों का संकट, कूड़े के ढेर, गंदगी, दमघोटू खतरनाक प्रदूषण, टूटी सड़कें सब कुछ आम आदमी पार्टी ने पिछले अपने कुशासन में बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग समझदार है और आने वाले चुनावों में कांग्रेस के पक्ष में मतदान करके एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनाने में भागीदार बनेंगे क्योंकि वो जानते है अगर दिल्ली चल पा रही है तो वो कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार के 15 वर्षों के कुशल शासन कारण ही संभव हो रहा है।
श्रीमती दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस ने पहले भी लाडली योजना के तहत दिल्ली की बेटियों को आर्थिक सहायता जन्म से लेकर पहली कक्षा में, पांचवी कक्षा पास करने, 9वीं में प्रवेश करने, 10 वी पास करने जैसे विभिन्न मदों में उनके खातां में पैसा डालती थी और 2008 में लाडली योजना की शुरुआत हुई थी। अस्पताल में जन्म लेते ही 36,000 रुपये बेटी खाते में डालने और पहली से 12वीं तक 25,000 रुपये देने का प्रावधान था। कांग्रेस सरकार बेटियों को 12वीं कक्षा पास करने के बाद मैच्योरिटी अमाउंट उनके खाते में एक लाख रुपये सीधे डाले जाते थे। उन्होंने बताया कि 2008-09 से 86.44 करोड़ रुपये का बजट को बढ़ाकर 2013-14 तक 112.29 करोड़ रुपये तक कर दिया गया था। मगर केजरीवाल सरकार ने आते ही, इसे घटाकर 95.64 करोड़ किया, फिर 2019-20 में 85.30 करोड़ किया, और 2023-24 में हालत यह कर दी कि दिसंबर 2023 तक इसमें 42.95 करोड़ रुपये ही खर्च किए।
दिल्ली सरकार ने विधवा, तलाकशुदा महिलाओं को अप्रैल, 2012 में 1500 रुपये प्रतिमाह देती थी, जिसकी 1.05 लाख लाभार्थी बहनें थीं। इसी प्रकार, विधवा महिलाओं की बेटियों की शादियों के लिए 25,000 रुपये भी दिए जाते थे जिसे अप्रैल, 2012 में बढ़ाकर 30000 रुपये कर दिया गया। अगर परिवार में विधवा माँ की दो बेटियाँ हैं, तो दोनों बेटियों के लिए यह प्रावधान था। कांग्रेस की सरकार ने एक बेहद ही संवेदनशील निर्णय लेते हुए, अगर परिवार के कमाने वाले मुखिया की मृत्यु हो जाती है, तो तुरंत 10,000 रुपये की सहायता राशि उसे पहुँचाने का प्रावधान किया था, उसकी मृत्यु चाहे स्वाभाविक हो, या एक्सीडेंट से।
श्रीमती अमृता धवन ने कहा कि पिछले 11 वर्षों से दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल और केन्द्र में भाजपा की सरकार है परंतु महिलाओं की आर्थिक तंगी और उन्हें अपराधों से सुरक्षा देने में किसी ने भी गंभीरता से नही लिया। विधानसभा चुनावों में अरविन्द केजरीवाल जहां महिलाओं को 2100 रुपये देने की बात कर रहे, मार्च 2024 में 1000 रुपये की घोषणा करने पर इस योजना को लागू क्यों नही किया? दिल्ली में बढ़ते अपराधों से भयभीत आज महिलाओं को ठीकठाक घर वापस लौट पाने का विश्वास नही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जनता के सहयोग से दिल्ली की सत्ता में आने के बाद दिल्ली में महिलाओं को अपनी पहली गारंटी ‘‘प्यारी दीदी योजना’’ के तहत आर्थिक सशक्तिकरण के लिए 2500 रुपये के खाते में सीधा ट्रांसफर करेंगे।