बिजली कम्पनियों का केग द्वारा ऑडिट कराया जाए और डिस्कॉम का लेखा जोखा सावर्जनिक किया जाए
नई दिल्ली, 31 जुलाई (एच डी न्यूज़): ।दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व सीएलपी नेता व पूर्व मंत्री दिल्ली सरकार हारुन यूसूफ कहा कि दिल्ली के लगातार बदलते हालात के लिए जिम्मेदार केजरीवाल की दिल्ली सरकार है। केजरीवाल के बिजली हाफ पानी माफ का नारा आज बिजली गुल-बिल फुल में तबदील हो गया है। उन्होंने कहा कि बिजली कम्पनियों द्वारा मनमर्जी के बिजली बिलों में बढ़ोतरी करके दुगने बिल वसूल रही है जिसमें करोड़ो का भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने मांग की कि बिजली कम्पनियों का केग द्वारा ऑडिट कराया जाए और डिस्कॉम को लेखा जोखा, केपिटल एक्पेंडिचर, किस मद में कितना खर्च किया है आडिट के बाद सभी जानकारियां पारदर्शिता में सार्वजनिक की जाएं।संवाददाता सम्मेलन को हारुन यूसूफ के साथ कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन एवं पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज ने भी संबोधित किया।
हारुन यूसूफ ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल जो शीला दीक्षित सरकार के दौरान बिजली कम्पनियों का ऑडिट कराने का दावा किया था परंतु सरकार में आते ही हर तीसरे महीने बिजली के बिलों में कभी फिक्स चार्ज, कभी एजर्नी चार्ज व पेंशन चार्ज, रेगुलेटरी चार्ज और अब लगातार पीपीएसी के नाम पर दर बढ़ाकर दुगने बिल वसूल रही है। जबकि 2013 में केजरीवाल ने दिल्लीवालों के बिल आधे करने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि 93-98 में भाजपा के शासन में दिल्ली में 24 घंटे तक बिजली नही आती थी परंतु 1998 में कांग्रेस सरकार आने के बाद 24 घंटे बिजली मुहैया कराने के लिए बिजली निजीकरण किया और 15 वर्षों में शीला सरकार ने सिर्फ 4 बार बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी की थी। हारुन यूसूफ ने कहा कि राजधानी में 2013 में कांग्रेस सरकार के समय सबसे सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराई गई, आज केजरीवाल सरकार दिल्लीवालां को अन्य राज्यों के अनुपात में सबसे महंगी बिजली दे रही है। उन्होंने कहा कि आज औसत बिजली दर लगभग 10 रुपये प्रति यूनिट मिल रही है जबकि 2013 में कांग्रेस सरकार के शासन में प्रति यूनिट दर 5 रुपये वसूली जाती थी। उन्होंने कहा कि 30 सितंबर 2021 के बाद से टैरिफ आर्डर नही लाया गया और सरकार के सरंक्षण में बिजली कम्पनियां की चोर दरवाजे से लूट जारी है। उन्होंने कहा कि बिजली कम्पनियों ने पीपीएसी दर मई से जुलाई तक बीआरपीएल ने 35.83 प्रतिशत, बीवाईपीएल ने 37.88 प्रतिशत, टीडीडीएल ने 37.75 प्रतिशत और एनडीएमसी ने 38.75 प्रतिशत वसूली की है।
बिजली कंपनियां 2015 से 2020-21 तक 5 वर्ष में उपभोक्तओं को 200 यूनिट के अंतर्गत 11743 करोड़ सब्सिडी देकर की छूट दी गई और बिलों पर पीपीएसी, पेन्शन, फिक्स चार्ज, सरचार्ज, बिजली, रेगुलेटरी चार्ज आदि के रुप में 37227 करोड की लूट कर रही है। उन्होंने कहा कि बिजली बिलों पर हो रहे भ्रष्टाचार पर ऑडिट कराकर सरकार जवाब दे, और इसका पूरा हिसाब दे। उन्होंने कहा कि बिजली की दरों में 50 प्रतिशत तक की कमी की जाए।
कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन एवं पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज ने दिल्ली का हाल बदहाल है। 28 जून की पहली बारिश में 6 लोगों की जान गई और एक महीने में 31 जुलाई तक लगभग 15 लोग जल भराव और बिजली के करंट के कारण अपनी जान गंवा चुके है, जिसके लिए पूरी तरह दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि राजधानी में परेशानियां लगातार बढ़ रही है और सरकार कहां है, किसके लिए काम कर रही है।