Devender Yadav: सरकारी आवास की मांग कहीं शीश महल में जमे रहने की चाहत तो नही?

Devender Yadav

नई दिल्ली, 20 सितम्बर: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री Devender Yadav ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह प्रेस वार्ता करके मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के लिए बोलते हैं कि वो शीश महल और सुरक्षा छोड़कर आम आदमी की तरह जनता के बीच रहेंगे और आज राघव चढडा पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के लिए पार्टी कन्वीनर होने के नाते उनके लिए मध्य दिल्ली में सरकारी आवास की मांग कर रहे है। शायद आप पार्टी के नेता लक्ष्य हीन उदेश्य के कारण प्रतिदिन अपने वक्तव्यों को बदलकर बोल रहे है। कहीं केजरीवाल शीश महल को 15 दिनों में खाली करने के निर्णय से पीछे तो नही हट रहे?

Devender Yadav ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय पार्टियों के अध्यक्षों को आवास आवंटित नही करती बल्कि राष्ट्रीय पार्टी को कार्यालय के लिए बंगला आवंटित किया जाता है। आम आदमी पार्टी द्वारा अरविन्द केजरीवाल के लिए सरकारी आवास की मांग करना गैर संवैधानिक है, जिसका लोकतंत्र में कोई प्रावधान नहीं है। अरविन्द केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है तो शीश महल खाली करना ही होगा, उन्हें विलासिता की जिंदगी को त्याग कर अपने कथन अनुसार आम जनता के बीच रहना होगा। श्री यादव ने कहा कि केजरीवाल मध्य दिल्ली के सरकारी आवास में रहकर पर्दे पीछे से दिल्ली सरकार की सरकार चलाने की तैयारी कर रहे है, क्योंकि यह सभी जानते है कि आतिशी केजरीवाल की कठपुतली बनकर काम करेंगी।

Demand for Government accommodation  yet another ploy to stay in a Sheesh Mahal

Devender Yadav  ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल के चरित्र को महान बनाने के लिए नैतिकता और मर्यादा की दुहाई देने वाले नेता बताएं कि जब उनके अनुसार पार्षद 5 वर्ष में कमा लेता है तो अरविन्द केजरीवाल कैसे अछूते रहे और जिस शराब घोटाले को रुपरेखा देने के मामले में वो जेल गए उसमें कितना कमाया है, उस पर राघव चढडा रोशनी क्यों नही डाल रहे। मैं बताना चाहता हूॅ कि ईमानदार केजरीवाल पर 2013 में नामांकन दाखिल करते वक्त उन पर 3 अपराधिक मामले दर्ज थे, 2015 में 10 हो गए और 2020 में नामांकन दाखिल करते वक्त उन पर 13 अपराधिक मामले दर्ज थे और शराब घोटाले में मुखिया की भागीदारी होना क्या उनकी ईमानदारी का सबसे बड़ा सबूत है? यही नही 2015 में चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामें में 2,09,85,366 की राशि दर्शाई थी जबकि 2020 में यह बढ़कर 3,44,42,870 हो गई। क्या 5 वर्षं में एक मुख्यमंत्री बिना कुछ खर्च किए 1,34,57,504 जमा कर सकता है।

Devender Yadav ने कहा कि भ्रष्टाचार की श्रंखलाओं में शामिल अरविन्द केजरीवाल ने अपनी जिंदगी को नाटक का प्रारुप बना दिया है। संजय सिंह कहते है केजरीवाल के लिए जल्द ठिकाना तय होगा, केजरीवाल कहते है कि अब ईश्वर मेरी रक्षा करेंगे, मैं घर छोडॅूंगा। क्या केजरीवाल का 2013 से पहले कोई आवास नही था जो उनके शीश महल छोड़ने को पूरा नाटकीय रुप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को वास्तविकता स्वीकार करना होगा कि जब पद छोड़ा है, तो शीश महल भी छोड़ना है, उसके बाद किसी भी सरकारी आवास का प्रावधान किसी कानून में नही है।