खुले में कुर्बानी न करें। कुर्बानी के अवशेषों को सड़क पर न फेंककर गड्ढों में दबा दें:मौलाना साजिद कासमी
शामली: (अज़मतुल्ला खान/एचडी न्यूज़)शामली के सलेक विहार स्थित जमीअत उलेमा शामली के जिला कार्यालय में जमीअत उलेमा शामली के पदाधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें समाज में फैली बुराइयों और ईद-उल-अज़हा पर स्वच्छता पर चर्चा की गई।जिला सचिव मौलाना मुहम्मद अयूब की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार गुरुवार सुबह नौ बजे जमीयत उलेमा शामली की एक अहम बैठक जिला अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद साजिद कासमी की अध्यक्षता में हुई। मौलाना ने कहा कि समाज में फैली बुराइयों, नशाखोरी, फिजूलखर्ची और शादी में धोखाधड़ी को रोका जाए । ताकि समाज में बेहतर संदेश जाए। ईद-उल-अज़हा के मौके पर कुर्बानी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि कुर्बानी करते वक्त पड़ोसियों का भी ख्याल रखना चाहिए, ताकि दूसरे धर्म के लोग भी परेशानी न हों। कुर्बानी खुले में न की जाए।कुर्बानी के अवशेषों को सड़क पर न फेंककर गड्ढे में दबा देना चाहिए। साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए।अगर किसी को कुर्बानी करने में कोई दिक्कत आती है तो जमीयत उलेमा के पदाधिकारियों से संपर्क करें।उन्होंने ईद-उल-अज़हा की नमाज़ सड़कों पर न पढ़ने की अपील की. उन्होंने कहा कि अगर ईदगाह में जगह नहीं है तो मस्जिदों में ईद की नमाज़ अदा करें.सरकार और प्रशासन के आदेशों को ध्यान में रखते हुए गाइडलाइन का पालन करें. बैठक का संचालन जिला महासचिव मौलाना मुहम्मद अयूब ने किया। इस अवसर पर मौलाना साजिद कासमी, मौलाना नज़ाकत, कारी असरार गुराना, मुफ्ती अकरम, मौलाना सुल्तान, मौलाना लुकमान, मुफ्ती जुबैर, मुफ्ती शाकिर, मौलाना शकील, हाजी तसव्वुर, कारी शमीम आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।