इंदौर 5 मार्च, (एच डी न्यूज़)। दीन व दुनिया का हसीन संगम और इंदौर का मशहूर संस्था “तैबा कॉलेज ऑफ़ इंटीग्रेटेड स्टडीज़” में तिसरा जश्ने दस्तारे इल्म व फ़ज़ल बड़े ही शान व शौकत के साथ मनाया गया। इस आधुनिक अवसर पर कुल 8 छात्रों को दुनियावी तालीम में ग्रेजुएशन और दिनियात में आलिम कोर्स मुकम्मल करने पर मुफ़्ती-ए-आज़म मालवा मुफ़्ती मुहम्मद नूरुल्हक़ नूरी साहब के मुबारक हाथों से दूस्तारे इल्म व फ़ज़ल से नवाज़ा गया । मुफ़्ती साहब ने छात्रों को उपदेश एवं नसीहत करते हुए फ़रमाया किः प्यारे बच्चो! अब आप आलिम बन चुके हैं, आप के सरों पर यह दस्तार इसलिए बांधी गई है ताकि अब आप ज़िम्मेदार बन जाएँ और क़ौम व मिल्लत की तरक़्क़ी के लिए सोचना शुरू कर दें। मज़ीद उन्होंने कहा कि अपने संस्था से हमेशा जुड़े रहें क्योंकि जब फूल अपने पेड़ से अलग हो जाता है तो उस की क़द्र व क़ीमत कम हो जाती है ।
प्रोग्राम का आग़ाज़ क़ारी मुह़म्मद आयान ने कुरआने पाक की तिलावत से की जबकि निज़ामत ज़हूर मिसबाही ने की। तैबा कॉलेज के डायरेक्टर उस्ताद अबू बक्र सिद्दीक़ नूरानी ने चादर पोशी और मोमेंटो पेश करके तमाम मेहमानों का इस्तिक्बाल किया और तैबा कॉलेज के क़याम का मक़सद बयान करते हुए कहा कि इस संस्था की नींव इसलिए डाली गई है ताकि छात्रों को एक ही समय में एक ही छत के नीचे दीनी तालीम के साथ दुनियावी तालीम भी दी जाए। बता दें कि तैबा कॉलेज अपनी तरह का इकलौता संस्था है, जिसमें छात्रों को पुरे 8 साल में एक साथ एक ही छत के निचे ग्रेजुएशन के साथ-साथ मुकम्मल आलिम कोर्से भी कराया जाता है।