जमाअत इस्लामी हिन्द, दिल्ली प्रदेश ने दिल्ली डेवेलपमेंट अथॉरिटी (DDA) द्वारा बुधवार को उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे 41 मज़दूरों की जान बचाने वाले वकील हसन के दिल्ली स्थित घर पर बुलडोज़र चलाए जाने की निंदा की है और इस कार्रवाई को ग़ैरकानूनी बताते हुए वकील हसन के परिवार के पुनर्वास की मांग की है। दिल्ली के खजुरी में रहने वाले वकील हसन जिन्होंने कुछ महीनों पहले उत्तरकाशी में एक सुरंग में फंसे 41 मज़दूरों की जान बचाने वाले दल का नेतृत्व किया था, उनका घर बुधवार को दिल्ली डेवेलपमेंट अथॉरिटी (DDA) ने बिना किसी पूर्व नोटिस के गिरा दिया. जमाअत इस्लामी हिन्द, दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष सलीमुल्लाह ख़ान ने कहा है कि ऐसा व्यक्ति जिसने देश को गर्व महसूस कराया उसके घर पर DDA द्वारा बुलडोज़र कार्रवाई वह भी बिना किसी नोटिस के किया जाना दुखद और अनैतिक है।
वकील हसन और उनका परिवार जिसमें उनकी पत्नी और और 3 बच्चे शामिल हैं, अब सड़क पर रहने को मजबूर है क्योंकि बुलडोज़र द्वारा उनका घर पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया है. सलीमुल्लाह ख़ान ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वकील हसन ने DDA पर यह भी आरोप लगाया है कि उनके मौजूदगी के बिना उसके बच्चों को घर से बाहर कर दिया गया, घर के सामान को बाहर फेंक दिया गया और बुलडोज़र चला दी गई। उन्होंने कहा कि देश का मान बढ़ाने वाले धरोहर की तरह होते हैं लेकिन DDA ने उन्हें सड़क पर ला दिया है जो कि दुखद है. किसी प्रदेश के अधिकारियों द्वारा अपने धरोहर के साथ ऐसा बर्ताव शर्मिंदा करने वाला है. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि वकील हसन के बच्चों के साथ पुलिस द्वारा अभद्रता की गई और उन्हें थाने बैठाए रखा गया।
जमाअत इस्लामी हिन्द, दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष सलीमुल्लाह ख़ान ने कहा है कि देश के लिए योगदान देने वाले हीरो के साथ प्रशासन का यह रवैया चिंताजनक है और क़ानूनों के अनुरूप नहीं है. मीडिया को जारी बयान में जमाअत इस्लामी दिल्ली प्रदेश ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि वकील हसन के परिवार के पुनर्वास की व्यवस्था की जाए और उन्हें उचित मुआवज़ा भी दिया जाए ताकि उनका परिवार सामान्य जीवन पुनः शुरू कर सके. उन्होंने यह भी मांग की है कि इस अनैतिक और ग़ैरकानूनी कार्रवाई के लिए ज़िम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित किया जाए ताकि देश का नाम रौशन करने वालों को पुनः इस प्रकार की कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़े।