“देखकर आप सब मुझको हैरान हैं क्यों। खुद गजल पेश करने ग़ज़ल आई है।”
झिंझाना। जुलाई, 21 (एचडी न्यूज़)हज़रत इमाम महमूद नासीरुद्दीन शहीद सब्ज़वारी के 858 वे उर्स के मौके पर देर रात ऑल इंडिया मुशायरा का आयोजन किया गया। मुशायरे में शमा रोशन मौलाना फरीद ने की तथा मुशायरा का आगाज़ कैराना विधायक चौधरी नाहिद हसन ने फीता काट कर किया। शायरों ने लोगों को अपने कलाम से सुबह तक बांधे रखा।
हज़रत इमाम महमूद नासीरुद्दीन शहीद सब्ज़वारी के उर्स में देर रात ऑल इंडिया मुशायरा का संचालन नदीम फर्रुख ने किया तथा अध्यक्षता मोहम्मद अली ने की।
शायर नदीम फर्रुख ने कहा कि
“रोशनी का कुछ न कुछ इम्कान होना चाहिए।
बंद कमरे में भी रोशनदान होना चाहिए। हिंदू मुस्लिम आपके माथे पर चाहे जो भी हो। आपके सीने में हिंदुस्तान होना चाहिए।”
महिला शायर शाइस्ता सना ने कहा
“कि किसी को गम ने किसी को खुशी ने मार दिया।
जो बच गए तो उन्हें जिंदगी ने मार दिया।”
दूसरी महिला शायर दानिश ग़ज़ल ने अपने कालम से खूब वाहवाही बटोरी। उन्होंने कहा कि
“हर तरफ उसकी सूरत नज़र आई है।
जाने क्यों मुझपे ये कैफियत छाई है।
देखकर आप सब मुझको हैरान हैं क्यों।
खुद गजल पेश करने ग़ज़ल आई है।”
शायर वसीम राजू पुरी ने अपने कालम में कहा कि “अपनी औलाद को तालीम न देकर उनको उम्र भर के लिए कमजोर नहीं करना है।
अपनी बीवी से करो प्यार वफायें, लेकिन अपने मां-बाप को इग्नोर नहीं करना है।”
शायर सज्जाद झंझट ने कहा कि
” इतना तरसाया है शादी की तमन्ना ने मुझे।
अब तो हर शख्स मुझे अपना ससुर लगता है।”
शायर सलीम मिर्जा ने कहा कि
“कितनी हंसी थी रात अभी कल की बात है।
हम तुम थे साथ-साथ अभी कल की बात है।”
शायर बिलाल सहारनपुरी ने कहा कि “पहले हर आदमी इंसान हुआ करता था।
बाद में हिंदू मुसलमान हुआ करता था।”
शायर हाशिम फिरोजाबादी ने कहा कि
“दिल पर और कहीं पर जान लिखा जाएगा।
जब तुम्हारे हुस्न पर दीवान लिखा जाएगा।”
जहाज देवबंदी ने अपने कालम में कहा की
“तमन्ना का प्याला भरा है फिफ्टी फिफ्टी।
हुआ इश्क मेरा खरा फिफ्टी फिफ्टी।
सुरापा का अत्बा है कोमा में कल से।
मरा तो है, लेकिन फिफ्टी फिफ्टी।”
इसके अलावा जावेद इशाती, बिलाल सहारनपुरी, जावेद मुशीरी आदि दर्जनों शायरों ने भी मुशायरे में अपने कलाम पेश किए।दरगाह के सज्जादा नशी हाजी अमजद अली, सफदर अली तथा बाबर कुद्दूसी ने आए सभी मेहमानों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष नौशाद ठेकेदार, राकेश गोयल, खुर्शीद आलम, आशीष मित्तल, काजी शान मियां, विनोद संगल, अहमद अली,आस मोहम्मद, राव आफाक, हम्ज़ा अली, नरेंद्र चिकारा आदि मौजूद रहे।