नई दिल्ली। हमारी दुनिया डेस्क(अज़मतुल्ला खान)भारत की स्वतंत्र न्यायपालिका “सुप्रीम कोर्ट” के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पद का चुनाव जीत लिया है। कपिल सिब्बल को 1066 वोट मिले, कपिल सिब्बल चौथी बार सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए हैं, जबकि दूसरे दावेदार वरिष्ठ वकील प्रदीप राय को 689 वोट मिले। निवर्तमान अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. आदेश सी अग्रवाल को 296 वोट मिले। गौरतलब है कि भारत की स्वतंत्र न्यायपालिका सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर है, जिसके अध्यक्ष मुख्य न्यायाधीश होते हैं। सर्वोच्च न्यायालय को अपने नये मामले तथा उच्च न्यायालय से विवाद दोनों सुनने का अधिकार है। भारत में 24 उच्च न्यायालय हैं जिनके अधिकार और उत्तरदायित्व सर्वोच्च न्यायालय की तुलना में सीमित हैं। न्यायपालिका और विधायिका के बीच मतभेदों का समाधान गणतंत्र के राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है जबकि भारतीय न्यायपालिका सामान्य कानून पर आधारित है। यह व्यवस्था औपनिवेशिक शासन के दौरान अंग्रेजों द्वारा बनाई गई थी। इस प्रणाली को “सामान्य कानून” के रूप में जाना जाता है जिसमें न्यायाधीश अपने निर्णयों, निर्णयों और निर्णयों के माध्यम से कानून का विकास करते हैं। भारत में विभिन्न स्तर और विभिन्न प्रकार की अदालतें हैं। भारत का सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में स्थित है और इसके अंतर्गत विभिन्न राज्यों में उच्च न्यायालय हैं। उच्च न्यायालय के अधीन जिला न्यायालय और उसके अधीनस्थ न्यायालयों को “निचला न्यायालय” कहा जाता है।सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पद के अन्य दावेदारों में प्रिया हिंगोरानी, त्रिपुरारी रे, नीरज श्रीवास्तव शामिल थे। यह चौथी बार होगा जब कपिल सिब्बल एससीबीए अध्यक्ष के रूप में काम करेंगे। सिब्बल इससे पहले तीन बार एससीबीए के अध्यक्ष चुने गए थे। वह आखिरी बार तेईस साल पहले 2001 में अध्यक्ष बने थे। वह इससे पहले 1995-96 और 1997-98 के दौरान राष्ट्रपति थे।कपिल सिब्बल ने 8 मई को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी। हार्वर्ड लॉ स्कूल से स्नातक कपिल सिब्बल 1989-90 के दौरान भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल थे। उन्हें 1983 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने 1995 से 2002 के बीच तीन बार एससीबीए अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि एससीबीए की कार्यकारी समिति में कुछ पद महिला सदस्यों के लिए आरक्षित किए जाने चाहिए। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि उसका मानना है कि एससीबीए एक महत्वपूर्ण संस्था है। यह देश के सर्वोच्च न्यायिक मंच का अभिन्न अंग है। उन्होंने निर्देश दिया था कि बार की महिला सदस्यों के लिए आरक्षण होगा। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में कपिल सिब्बल की जीत ने साबित कर दिया है कि देश में सत्ता परिवर्तन की संभावना बढ़ गईहै।