आम आदमी पार्टी किसानों के बलिदान पर घड़ियाली आंसू बहाना बंद करे, किसान विरोधी, केजरीवाल और मोदी : देवेन्द्र यादव

Kejriwal exposes his duplicity by shedding crocodile tears for the farmers after becoming the first CM in the country to notify the draconian farm laws---Devender Yadav

नई दिल्ली, 2 जनवरी: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र यादव ने अरविन्द केजरीवाल के भ्रष्टाचार, कुशासन, जनता की अनदेखी और भाजपा के साथ उनकी मिलीभगत को ‘‘आप के पाप’’ की कड़ी के तहत पोल खोलते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव आते ही आम आदमी पार्टी को किसानों की याद आ रही है जबकि भाजपा द्वारा संसद में पास किसान विरोधी तीनों काले कृषि कानूनों को सबसे पहले अरविन्द केजरीवाल ने 23 नवम्बर, 2020 को अधिसूचित करके अपना किसान विरोधी चेहरा उजागर कर दिया था और आज संजय सिंह चींख-चींख कर किसानों के बलिदान के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहे है।

श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देशव्यापी माफी घोषणा करके काले कृषि कानूनों की वापसी हमारे नेता राहुल गांधी और उनके साथ देश भर के किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सड़क से संसद तक लंबे संघर्ष के कारण ही संभव हुआ था। मैं अरविन्द केजरीवाल से पूछना चाहता हूॅ कि मोदी सरकार जो फिर से किसान विरोधी काले कृषि कानूनों को पिछले दरवाजे से लाना चाहती है क्या पहले की तरह दोबारा आम आदमी पार्टी भाजपा के अनैतिक कानूनों के साथ खड़े रहेगी, क्योंकि केजरीवाल विधानसभा में कृषि कानूनों की कॉपी फाड़कर राजनीति करके चर्चा में बने थे लेकिन चुपचाप भाजपा के कृषि कानूनों अधिसूचित करके मोदी जी का किसानों के विरोध में पूर्ण समर्थन दिया था।

श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल ने 2020 के घोषणा पत्र में फसल नुकसान के लिए 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर के अनुसार मुआवजा देने की घोषणा की थी परंतु 2022 में दिल्ली के किसानों की फसल के मुआवजे को 20 हजार रुपये प्रति एकड़ पर चेक बांटकर सिर्फ फोटो खिचवाई थी, जबकि सभी किसानों को मुआवजा आज तक नही दिया गया है। उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल और उनके नेता जनता के बीच भाजपा के खिलाफ बोल रहे है लेकिन बंद कमरे में भाजपा की जनविरोधी नीतियों के साथ मिलकर काम कर रहे है, यह सब दिल्ली की जनता देख रही है और समझ चुकी है। श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि जनता विरोधी और किसान विरोधी भाजपा के काले कृषि कानूनों का समर्थन करके अरविन्द केजरीवाल दिल्ली की जनता व किसानों के पीठ पर छुरा घोंपने का काम किया था जबकि किसानों के साथ खड़ा होने की सिर्फ केजरीवाल ने नौटंकी की थी, क्योंकि सबसे पहले कृषि कानूनों को अधिसूचित करने वाला दिल्ली पहला राज्य था।

श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि तीनों काले कृषि कानूनों से न सिर्फ किसान प्रभावित होते बल्कि खेत मजदूर, आड़ती, छोटे व्यापारी और सरकारी मंडियों में काम करने वाले कर्मचारियों सहित जुड़ा मजदूर वर्ग की रोजी रोटी के खिलाफ अरविन्द केजरीवाल ने किसान कानून अधिसूचित करके कार्यवाही की थी। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही किसान हितेषी बयानबाजी करके अरविन्द केजरीवाल सिर्फ वोट की राजनीति कर रहे है क्योंकि सत्ता हासिल करने के बाद जनता की अनदेखी करना उनकी आदत बन चुकी है।