केज़रीवाल जी कुछ यू सत्ता की भूख में डूब जाते हैं, “ख़ास” पर चिंता जताते हैं – आम को भूल जाते हैं : इमरान मसूद

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नई दिल्ली, 16 जनवरी, 2025- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए सहारनपुर के सांसद श्री इमरान मसूद की प्रेस वार्ता को सम्बोधित किया । यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि आज चुनावों के वक्त केजरीवाल जी को मुस्लिम भाई याद आ रहे हैं।

पिछले 10 सालों में केजरीवाल जी ने कभी दिल्ली के मुसलमानों पर चिंता व्यक्त नहीं की, पहली बार चिंता भी व्यक्त की तो मुंबई पर। ये चिंता सेफ़ अली ख़ान कीए सलमान ख़ान की या बाबा सिद्दीक़ी की नहीं हैं ये वोटों की चिंता हैं। चिंता भी व्यक्त की तो एलिट क्लास की, आम आदमी की नहीं। इसमें कोई संदेह नही कि भाजपा की सत्ता जहां होती है, उसकी सरपरस्ती अपराधियों को होती है। दिल्ली में अपराध दर पूरे विश्व में सबसे ज्यादा है।

मेरे केजरीवाल जी से पाँच सवाल हैं

1. जाहंगीरपुरी और पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक हिंसा पर आपकी चुप्पी

दिल्ली के जाहंगीरपुरी और पूर्वी दिल्ली इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा के बाद न तो आपने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और न ही पीड़ित एवं असुरक्षित समुदायों के पक्ष में सार्वजनिक रूप से कुछ बोला। दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में आपने चुप्पी क्यों साधे रखी? तब से लेकर अब तक आपने प्रभावित समुदायों की समस्याओं का समाधान करने और उनका विश्वास बहाल करने के लिए क्या कदम उठाए हैं – विशेष रूप से जाहंगीरपुरी और पूर्वी दिल्ली जैसे क्षेत्रों में?

2. बिलकिस बानो मामले पर मनीष सिसोदिया की शर्मनाक चुप्पी

बिलकिस बानो मामले ने जाति धर्म से परे जाकर देश की संवेदनाओं को झकझोर दिया था। लेकिन तब मनीष सिसोदिया ने उस शर्मनाक घटनाक्रम की निंदा करने या उसपर किसी तरह की टिप्पणी करने से स्पष्ट शब्दों में इंकार कर दिया था। इससे न्याय के प्रति AAP की प्रतिबद्धता को लेकर गंभीर सवाल उठते हैं। उस मामले के लिए ज़िम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने या पीड़िता के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए AAP ने क्यों कुछ नहीं किया?

3. CAA&NRC प्रोटेस्ट के दौरान शाहीन बाग को लेकर आपका बयान

शाहीन बाग में हो रहा प्रदर्शन CAA और NRC जैसे भेदभाव से भरे कानूनों के ख़लिफ़ शान्तिपूर्ण विरोध का प्रतीक था। लेकिन आपने क्षेत्र को “ख़ाली कराने“ को लेकर जो बयान दिया था, उससे उस दौरान हो रहे प्रदर्शनों की वैधता को लेकर गंभीर सवाल उठे और कमज़ोर समुदायों की आवाज़ और कमज़ोर हुई। क्या नागरिक स्वतंत्रता और असहमति के प्रति AAP का यही दृष्टिकोण है?

4. निजामुद्दीन मरकज का मामला

कोराना महामारी के दौरान निजामुद्दीन मरकज को लेकर जिस तरह से एक समुदाय विशेष को दोषी ठहराया गया, उससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ा। आपकी सरकार ने उस घटना को इस तरह से हैंडल किया जिससे लगा कि एकता की भावना को मजबूत करने की बजाय विभाजन की राजनीति को बढ़ावा दिया गया है। आपकी सरकार ने उस विभाजनकारी नैरेटिव का मुक़ाबला करने और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए क्या किया था?

5. AAP विधायक नरेश यादव की सजा

पवित्र क़ुरान शरीफ़ की बेहदबी मामले में AA विधायक नरेश यादव को सजा मिलना गंभीर चिंता का विषय है। AA ऐसे विभाजनकारी काम करने वालों को पार्टी में रखने को कैसे जस्टिफाई करती है? क्या पार्टी में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कोई कदम उठाए गए हैं?