नई दिल्ली, 30 दिसंबर: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली की पंजीकृत मस्जिदों के 150 इमामों और 58 मुअज्जिनों और गैर पंजीकृत मस्जिदों के 2000 से अधिक इमामों और मुअज्जिनों को पिछले 17 महीनों से उनका वेतन देने में विफल रही दिल्ली सरकार के मुखिया ने भाजपा की राह पर आज दिल्ली में मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों के ‘‘पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना’’ की घोषणा करके दिल्ली के लोगों की धार्मिक सहानुभूति लेकर वोट बटोरने की दोहरी चाल है। श्री यादव ने कहा कि केजरीवाल बेरोजगारी और महंगाई पर चुप रहकर स्वयं कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर के पुजारी का पंजीकरण करने जाने की बात करना पूरी तरह भाजपा के रास्ते पर धार्मिक राजनीतिक करके लोगों की भावनाओं से खेलना है।
श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि ग्रंथी और पुजारी को 18000 रुपये मासिक सम्मान राशि देने की घोषणा करके कहना कि हमने पहली बार कर करेंगे, तो केजरीवाल की आंख कान खोलने के लिए बताना चाहता हूॅ कि दिल्ली की कांग्रेस सरकार दिल्ली की मस्जिदों के इमामों और मुअज्जिनों को वेतन देती थी और 2013 में इनके वेतन में वृद्धि भी की थी। उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल दिल्ली में चुनावों में हर दिन नई घोषणा कर रहे है परंतु दिल्ली की मस्जिदों के इमामों को मिलने वाले 18000 रुपये मासिक व मुअज्जिनों को 16000 रुपये को साजिश के तहत 18 महीनां से रोका हुआ है। वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार और घोटाला के आरोप इनके विधायक जेल में है और यह दिल्ली सरकार की परंपरा है कि यदि कोई विभाग का मुखिया जेल में जाएगा तो सरकार सभी योजना पर रोक लगा देती है।
श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि ग्रंथी पुजारी सम्मान योजना की शुरुआत पर केजरीवाल ने कहा कि हम पहली बार कर रहे है। 11 वर्ष पहले केजरीवाल ने पहली बार दिल्ली की सत्ता हासिल करने के बाद दिल्ली के स्कूलों, अस्पतालों को बर्बाद कर दिया और दिल्ली में बेहतरीन शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल की बात करते है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने पहले जिस महिला सम्मान योजना के अंतर्गत 2100 रुपये देने की घोषणा की थी, उस पर दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक रूप घोषणा की कि ऐसी कोई योजना होने से इंकार किया।
श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल संरक्षित सरकार के खिलाफ डीटीसी कर्मचारी वेतन न मिलने के कारण विरोध प्रदर्शन कर रहे है, मार्शलों को पहले नौकरी से निकाला फिर उनको नौकरी देने का वादा, आंगनबाड़ी, गेस्ट टीचर अपने वेतन के लिए वर्षों से संघर्ष कर रहे है। महिलाओं की सुरक्षा करने में फेल केजरीवाल महिलाओं को 2100 रुपये देकर महिल्ला सम्मान की बात करते हैं। दिल्ली की जनता समझ चुकी है कि केजरीवाल की घोषणा और वादे कभी पूरे नही होने वाले। उन्होंने कहा कि पहली बार ही हुआ कि अरविन्द केजरीवाल ने पिछले 11 वर्षों में दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की नियमित भर्ती पर पूरी तरह रोक लगा दी है जबकि 2014 में और 2017 व 2022 के निगम चुनावों में सफाई कर्मचारियों की भर्ती की घोषणा की थी लेकिन सत्ता में आने के बाद दलित वर्ग की पूरी तरह अनदेखी कर रहे है।