
लखनऊ, :दलित, ओ बी सी, अल्पसंख्यक एवं आदिवासी संगठनों के परिसंघ द्वारा सहकारिता भवन, विधानसभा रोड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में सामाजिक न्याय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ उदित राज ( पूर्व सांसद )ने कहा कि लोकतंत्र बचाने का काम सिर्फ़ नेताओं का नहीं है बल्कि समाज के लोगों का भी है। वक़्फ़ और आईन बचाने के लिए एकता का मुज़ाहरा करते हुए लड़ाई लड़नी होगी। कोई पार्टी आपकी आवाज़ नहीं उठाएगा क्योंकि उन्हें हारने का डर है इस लिए होशियारी से काम करने की जरूरत है। उन्होंने जातीय जनगणना की मांग करते हुए कहा इस मांग को लेकर हमें मिलकर कोशिश करनी होगी। उन्होंने कहा कि बहुजन आंदोलन का मुसलमानों को बहुत फायदा हुआ है क्योंकि जबसे दलित जागा तबसे अत्याचार कम हुए हैं और अगर मिलकर एक धक्का दे दें तो हम इन्हें सत्ता से उखाड़ फेंकेंगे।
उन्होंने के कहा कि लोगों में बराबरी की सोच नहीं है और राहुल गांधी जी समाजी न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं।
उन्होंने मुसलमानों की तालीमी पसमांदगी पर भी दुःख का इज़हार करते हुए कहा कि अपने हालात को हमें खुद बदलना होगा और यह एकता के द्वारा ही मुमकिन है। उदित राज ने आगे कहा कि एक तरफा करवाई से बचने के लिए भागेदारी ज़रूरी है और भागेदारी के लिए संघर्ष ज़रूरी है। रिजर्वेशन की वज़ह से दलितों की हालत अच्छी हुई है और भागेदारी ना होने की वजह से मुसलमानों की हालत दलितों से ख़राब है। जब मंदिरों की कमेटी में मुस्लिम सदस्य नहीं हो सकता तो वक़्फ़ में ग़ैर मुस्लिम सदस्य कैसे ही सकता है !, वक़्फ़ अमेंडमेट बिल किसी भी सूरत में कबूल नहीं है।
सामाजिक न्याय की लड़ाई ही उन्हें खत्म करेगी और हमारी लड़ाई नॉन पॉलिटिकल होगी।
शाहिद अली एडवोकेट ने कहा कि बाबा साहब के बनाए हुए बराबर के अधिकार को सरकार समाप्त करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि अफसोस की बात है कि वक़्फ़ अमेंडमेट बिल पर कौम सोई हुई है, वक़्फ़ अमेंडमेट के बाद आपके पास मस्जिदें, दरगाहें , क़ब्रिस्तान अत्यादि नहीं बचेगी। उन्होंने कहा कि हम वक़्फ़ बोर्ड की कमाई से हम हजारों हॉस्पिटल और स्कूल, कॉलेज बना सकते हैं और देश का बजट फाइनेंस कर सकते हैं।
वक़्फ़ अमेंडमेट बिल ला कर यह सरकार लोगों की दुबारा से गुलाम बनाना चाहती है और अगर आवाज़ नहीं उठी और नहीं जाग तो सबकी कुरबानियां बर्बाद हो जाएंगी।इस लिए बेदर हो जाओ और अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाओ।
अगर आवाज़ नहीं उठी तो वक़्फ़ और रिजर्वेशन को ख़तम करके रहेंगे।
जावेद अहमद, चेयरमैन वक़्फ़ वेलफेयर फॉर्म ने कहा कि वक़्फ़ में संशोधन एक खतरनाक क़दम है इस से पहले भी वक़्फ़ पर हमले हुए हैं।यह वक़्फ़ बिल वक़्फ़ संपत्ति पर कब्ज़ा करने की एक कोशिश है। अरशद खान, पूर्व विधायक जौनपुर ने कहा कि मुसलमान की तरक्की क़ौम की लड़ाई में ही मुमकिन है इस लिए सभी के साथ मिलकर लड़ाई लड़नी होगी।जबकि मुसलमान हमेशा सिर्फ़ अपने मसाइल मैं ही उलझा रहा है। जातीय जनगणना मुसलमानों की भी जरूरत है और साथ की दलितों और पिछड़ों के हक़ लड़ाई लड़ने की जरूरत है। तारिक गाज़ी ने कहा कि समाज के सभी को वर्गों को साथ ले कर चलना होगा तभी मसालों का हल एवं तरक्की मुमकिन है। इस अवसर पर एडवोकेट अनवर खलील एडवोकेट शाकिर केरानवी, एडवोकेट सतीश कुमार, राम मदन,सतेंद्र वर्मा, संजय राज, फ़ज़ल करीम, सभासद मेरठ, तालिब अली, आफताब आलम अत्यादि ने अपनी बात रखी।