नई दिल्ली , 29 जून: आज दिनांक 29 जून 2024 को सूर्या फाउण्डेशन की शैक्षिक विंग स्कूल भारती आर्गेनाइजेशन (SBO)द्वारा एक सेमिनार का आयोजन फाउण्डेशन के केन्द्रीय कार्यालय B – 3/330 पश्चिम विहार, नई दिल्ली में किया गया।
सेमिनार की विशिष्ट वक्त्री डॉ. सीमा शर्मा (एडीशनल डॉयरेक्टर ऑफ एजुकेशन, डीएमसी, दिल्ली) ने कहा कि शिक्षा की ताकत तोप, तलवार और बम से अधिक है। विश्वयुद्ध में जापान पूरी तरह नष्ट होने पर भी आज दुनिया में टेक्नॉलाजी में उच्च स्थान पर है क्योंकि शिक्षा के द्वारा उसने बारूद से हुए नुकसान के बाद भी सर्वाइव किया और अपनी अर्थव्यवस्था को उच्च स्थान तक पहुंचाया। NEP-2020 में बच्चों के ड्रॉप आउट रेट को कम करने का सुझाव दिया गया है क्योंकि देश के जितने लोग शिक्षित होंगे देश उतनी ही प्रगति करेगा। मुख्य वक्ता के रूप में प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए प्रो. बह्म प्रकाश भारद्वाज (हेड, डिवीजन ऑफ एजुकेशनल रिसर्च) ने कहा कि हम सबको NEP-2020 को शब्दशः पढ़ना चाहिए क्योंकि इसका हर शब्द और वाक्य अमूल्य है जो कोई न कोई महत्वपूर्ण जीवनोपयोगी शिक्षा देता है। अन्त में उन्होंने शिक्षकों का आह्वान करते हुए कहा कि शिक्षक ही शिक्षण प्रक्रिया की आत्मा है। बिना शिक्षक के शिक्षा निष्प्राण है। अतः आप लोग NCF भी धीरे-2 पढें और अपनी शिक्षण पद्धति को सर्वश्रेष्ठ बनाएँ तभी हमारा देश वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनेगा।
इस्कॉन से आए पूज्य संत जगद्-बन्धु जयदेव दास जी ने कहा कि शिक्षा में आध्यात्मिकता के बिना शिक्षा न तो आनंददायक हो सकती है न ही व्यक्ति को पूर्ण विकसित कर सकती है। स्थिर बुद्धि, धैर्य और एकाग्रता जैसे गुण आध्यात्मिकता से ही आते हैं। गीता जैसे सद्ग्रन्थों का पाठ कर उनकी शिक्षा को आत्मसात् करने प्रयास सभी शिक्षकों और छात्रों को करना चाहिए। इस सेमिनार में दिल्ली और आसपास के अनेक विद्यालयों के चेयरमैन, प्रबन्धक, प्रिंसिपल्स और अनुभवी शिक्षक तथा सूर्या फाउण्डेशन के प्रमुख कार्यकर्त्ता उपस्थित थे।