हजारों लोग सात वर्ष से अपने जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे, नागरिक नारकीय जीवन जीने को मजबूर।
सुविधाओं से वांछित लोगों ने आला अधिकारियों से पूरे मामले की जांच कराकर जनहित के कार्य को कराने की अपील की।
झिंझाना। जुलाई 8 (मुस्तकीम सैफी/ एचडी न्यूज़) जिला शामली में कस्बा झिंझाना के मोहल्ला शैखा मैदान, सलारा, ज्ञानपुरी के हजारों लोग सात वर्ष से अपने जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे हैं। सात वर्ष से मूलभूत सुविधाओं से भी वांछित हजारों लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। वर्ष 2017 में निकाय चुनाव में एक चेरमैन प्रत्याशी की शिकायत के बाद वोट देने के अधिकार भी प्रशासन ने छीन लिया था कि तुम्हारा रकबा ग्राम पंचायत जमालपुर में स्थित है। जबकि ग्राम जमालपुर से भी कोई सुविधा इन लोगों को नहीं मिल रही है।मोहल्ला शैखा मैदान, सलारा, ज्ञानपुरी के लोग गत सात वर्षों से अपने नन्हे बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र तक नहीं बनवा पा रहे हैं। वहीं किसी की मृत्यु होने पर भी नहीं बनने से सरकार से मिलने वाली सुविधाओं से वांछित हैं। बता दें कि यहां के लोग वर्ष 2017 से पहले कई दशक से यह लोग नगर पंचायत झिंझाना को हाउस टैक्स, वॉटर टैक्स व अन्य जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र के रूप में टैक्स देते आ रहे थे। नगर पंचायत द्वारा यहां पर पानी की सप्लाई, प्रधानमंत्री आवास विकास योजना के अंतर्गत मकान तथा सड़क, खड़ंजे भी बनवाए गए है। इसको लेकर कस्बे के लोग ने गत वर्ष जिलाधिकारी शामली से मिलकर समस्याओं का प्रार्थना पत्र दिया था। जिस पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारी ऊन तथा राजस्व विभाग कैराना को जांच करने के निर्देश दिए थे। खंड विकास अधिकारी ऊन तथा कैराना तहसीलदार, कानूनगो तथा लेखपाल ने मोहल्ला सालारा स्थित मामले की जांच करने पहुंचे। इस दौरान मोहल्ले के सैकड़ो लोगों ने अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए अधिकारियों को नगर पंचायत द्वारा वॉटर टैक्स, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र की रसीद, प्रमाण पत्र आदि दिखाएं। लोगों का कहना है की हमे झिंझाना नगर पंचायत या ग्राम पंचायत जमालपुर में जोड़ दो जिससे हमे मूल भूत सुविधाएं मिल जाए। मोहल्ले के लोगों में कारी इरशाद, एहसान, शाहनवाज राणा, इमरान सैफी, रशीद अहमद, साजिद, शाकिर, इंतजार, सगीरा, मुल्ला वाहिद, हारून, नौशाद, शकील, आमिर, पूर्व सभासद सरफराज शाह, सादिक आदि का कहना है कि प्रशासन ने सिर्फ जांच कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। जिससे यहां के हजारों लोग मूल भूत सुविधाओं से वांछित हैं। लोगों ने आला अधिकारियों से पूरे मामले की जांच कराकर जनहित के कार्य को कराने की अपील की।