नई दिल्ली।ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस ने पद्मश्री सम्मान की केटेगरी से यूनानी चिकित्सा पद्धति को बाहर किए जाने पर चिंता व्यक्त की है।तिब्बी कांग्रेस के महासचिव डॉ सैयद अहमद खान ने केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को लिखे पत्र में कहां है कि पूर्व में यूनानी चिकित्सा पद्धति की केटेगरी से पद्मश्री सम्मान मिलता रहा है लेकिन आयुष विभाग की असंवेदनशीलता के कारण पद्मश्री सम्मान के लिए जो नोटिफिकेशन जारी किया गया है उसमें यूनानी चिकित्सा पद्धति को छोड़ दिया गया है। इस वजह से पद्मश्री सम्मान की केटेगरी से यूनानी चिकित्सा पद्धति को बाहर कर दिया गया है।
डॉ खान ने कहा है कि यूनानी चिकित्सा पद्धति की केटेगरी से हकीम सैफुददीन, हकीम सैयद शर्फुददीन कादरी सहित 2014 में हकीम सैयद खालीफतउल्लाह और 2017 हकीम एम ए वहीद को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।इससे साबित होता है कि पूर्व में पद्मश्री सम्मान के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया में यूनानी चिकित्सा पद्धति की कैटेगरी मौजूद थी।डॉ खान आयुष विभाग पर यूनानी पद्धति के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि जानबूझकर आयुष विभाग के जरिए यूनानी चिकित्सा पद्धति को पद्मश्री सम्मान की केटेगरी से बाहर किया गया है। डॉ खान ने बताया कि जब से एनसीआईएसएम की स्थापना हुई है तब से इसके जरिए जारी होने वाले सभी प्रकार के नोटिफिकेशन और पत्रों आदि में भारतीय चिकित्सा पद्धति में शामिल सभी पद्धतियों का उल्लेख किया जाता है जिसमें यूनानी पद्धति भी शामिल है।लेकिन अक्सर देखने में यह आया है कि आयुष विभाग के जरिए जारी किए जाने वाले सर्कुलर और पत्रों आदि में यूनानी चिकित्सा पद्धति को दरकिनार कर दिया जाता है। उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव को लिखे पत्र में पद्मश्री सम्मान के लिए यूनानी चिकित्सा पद्धति को दोबारा से शामिल किए जाने की मांग की है।