नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट के जरिए आज उत्तर प्रदेश के मदरसों को लेकर दिए गए फैसले का मुस्लिम संगठनों, बुद्धिजीवियों और मदरसों से जुड़े लोगों ने स्वागत किया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के जरिए दिए गए फैसले को संवैधानिक करार दिया है।
जमीअत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे उत्तर प्रदेश के मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों शिक्षकों और अभिभावकों को काफी राहत मिली है। उनका कहना है कि यह फैसला दर्शाता है कि हमारे देश की सर्वोच्च अदालत संविधान की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है और इस फैसले से अदालत की प्रतिष्ठा बड़ी है।
मर्कजी जमीअत अहले हदीस के अमीर मौलाना असगर अली इमाम सल्फी मेंहदी ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि धार्मिक शिक्षा बेहद जरूरी है चाहे वह मदरसों की शिक्षा हो या गुरुकुल की। उनका कहना है कि धार्मिक शिक्षा से मानव के अंदर संस्कार पैदा होते हैं और वह आपसी मेल, मोहब्बत, और भाईचारे के साथ रहना सिखाती है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से लाखों ऐसे लोगों को फायदा पहुंचा है जो मदरसा शिक्षा से जुड़े हुए हैं।
मुस्लिम बुद्धिजीवी पद्म श्री अख्तरुल वासे ने कहा है कि यह फैसला एक ऐतिहासिक फैसला है। इस फैसले की जितनी प्रशंसा की जानी चाहिए वह काम है। उनका कहना है कि इस फैसले की रोशनी में मदरसों की शिक्षा से जुड़े संगठनों जैसे जमीअत उलेमा हिंद,जमात ए इस्लामी हिंद और जमीअत अहले हदीस के जिम्मेदारों को एक प्लेटफार्म पर आकर आगे की रणनीति बननी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की कोई परेशानी सामने नहीं आने पाय।
यूनाइटेड मुस्लिम ऑफ़ इंडिया के महासचिव डॉ सैयद अहमद खान ने उत्तर प्रदेश के मदरसों को लेकर आज के फैसले पर खुशी का इजहार किया है और कहा है कि यह फैसला सांप्रदायिक ताकतों के मुंह पर तमाचा है। उनका कहना है कि यह फैसला दर्शाता है कि अभी भी हमारे देश में अदालतें स्वतंत्र है और सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को आज संवैधानिक करार देकर यह सिद्ध भी किया है।
उत्तर प्रदेश इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एसोसिएशन के अध्यक्ष एजाज अहमद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को उत्तर प्रदेश के लाखों लोगों के लिए राहत भरा बताया है। उन्होंने बताया कि 16000 मदरसे 20 लाख बच्चे और लाखों शिक्षक सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से काफी खुश हैं।उन्होंने कहा कि हम लोग सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा करते हैं। उनका कहना है कि इस फैसले के आने से एक बार फिर उत्तर प्रदेश के मदरसों में पठन-पाठन का काम पूरी शक्ति के साथ शुरू किया जाएगा और अदालत के फैसले पर पूरी तरह से अमल किया जाएगा।