नई दिल्ली, 7 अगस्त : इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने Waqf Act में किसी भी तरह के संशोधन या बदलाव को अस्वीकार्य बताया है।दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मौलाना निसार अहमद नक्शबंदी ने एक प्रेस बयान में कहा कि पुष्ट रिपोर्टों के अनुसार, भारत सरकार वक्फ अधिनियम, 2013 में लगभग 40 संशोधनों के माध्यम से वक्फ संपत्तियों की स्थिति और प्रकृति को बदलना चाहती है ताकि इसे जब्त कर लिया जा सके। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियां मुस्लिम बुजुर्गों द्वारा धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए दिया गया दान है।
सरकार ने इसे विनियमित करने के लिए सिर्फ वक्फ अधिनियम बनाया है। यह न केवल धार्मिक दान के प्रति गलत है वर्तमान सरकार बड़े पैमाने पर मुस्लिम पहचान वाले संस्थानों को बंद करने का प्रयास कर रही है और कई संस्थानों की स्थिति भगवा की नजर में शून्य कर दी गई है Waqf Act हमेशा से ही दिमाग में रहा है और बयानबाजी भी होती रही है। अब सरकार इसमें संशोधन कर इसकी शक्तियां खत्म करने की कोशिश कर रही है।
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Waqf Act
उन्होंने आगे कहा कि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद ईटी मुहम्मद बशीर, अब्दुल समद समदानी और के नवाज किनी ने कल दिल्ली के केरल हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और वक्फ बोर्ड के लिए आवाज उठाई और कहा कि जो लोग लगातार भारत की मुस्लिम आबादी को निशाना बना रहे हैं, उन्होंने आखिरकार वक्फ संपत्तियों पर अपनी नजरें गड़ा दी हैं सदन में एक्ट का पुरजोर विरोध किया जाएगा। समान विचारधारा वाले लोगों से बात करके भविष्य के मुद्दे सुलझाए जाएंगे। फिलहाल पार्टी के पांच सांसद हैं, भगवान ने चाहा तो वे पांचों सदनों में इस बिल का पुरजोर विरोध करेंगे।