Waqf Act
नई दिल्ली,05 अगस्त (एच डी न्यूज़): ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे-मुशावरत ने वक्फ अधिनियम में संशोधन के सरकार के फैसले को अस्वीकार्य बताया है और कहा है कि सरकार किसी न किसी बहाने मुसलमानों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप कर रही है, जिससे देश की धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक व्यवस्था नष्ट हो रही है। मुशावरत के महासचिव शेख मंज़ूर अहमद ने अपने एक बयान में कहा कि सरकार वक्फ बोर्डों की शक्तियों को सीमित करना चाहती है और किसी तरह उन संपत्तियों पर नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर रही है जो हमारे पुरखों ने धार्मिक और कल्याणकारी उद्देश्यों के लिए वक्फ की हैं। सरकार का काम उन को विनियमित करना है लेकिन वह उन्हें हड़पना चाहती है और वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने वालों के लिए कानून का दरवाजा खोलना चाहती है।
Waqf Act
शेख मंज़ूर अहमद ने कहा कि यह अफ़सोस की बात है कि वक्फ अधिनियम में संशोधन करने से पहले किसी भी मुस्लिम संगठन, बुद्धिजीवियों, कानून के विशेषज्ञों और इस्लामी विद्वानों से परामर्श नहीं किया गया। इससे सरकार की मंशा स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि वक्फ बोर्डों की स्थिति को बरकरार रखा जाये और वक्फ संपत्तियों का उपयोग शरीयत के अनुसार किया जाये, वर्तमान में 8 लाख 70 हजार से अधिक संपत्तियां वक्फ बोर्डों के नियंत्रण में हैं और इसका उपयोग धर्मार्थ उद्देश्यों और समाज कल्याण के लिए किया जाना चाहिए न कि किसी अन्य उद्देश्य के लिए। मुशावरत ने सरकार की इस प्रवृत्ति पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है कि वह न केवल देश की व्यवसथा के कल्याणकारी चरित्र को कमजोर कर रही है बल्कि भारतीय समाज में कल्याणकार्य की परंपराओं को भी नुकसान पहुंचाना चाहती है और भूखों-अनाथों को समर्पित संपत्ति पर उसकी बुरी नजर है।