हमारा देश  हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई  की एकता के बल पर  चलेगा ना की  नफरत और बंटवारे की राजनीति से चलेगा: अरशद मदनी

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मौलाना अरशद मदनी का खिताब 

वक़्फ़ संशोधन विधेयक  वक़्फ़ संपत्तियों पर कब्जा करने की सोची समझी रणनीति के तहत लाया गया है

वक़्फ़ विधायक हमें किसी भी सूरत में कबूल नहीं है हम इसका हर स्तर पर विरोध करेंगे

 नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की बैसाखियों के सहारे है मोदी सरकार

देश में समान नागरिक संहिता को  किसी भी सूरत में लागू नहीं किया जा सकता

Arshad Madani

नई दिल्ली। हमारा देश  हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई  की एकता के बल पर  चलेगा ना की  नफरत और बंटवारे की राजनीति से चलेगा। हमारे देश की दुनिया में जो पहचान है  वही पहचान हमेशा बरकरार रहेगी। यह विचार मौलाना अरशद मदनी, अध्यक्ष जमीअत उलेमा- ए- हिंद  ने  इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित  संविधान बचाओ सम्मेलन को संबोधित करते हुए व्यक्त किया है।
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मौलाना ने कहा कि हमारे देश के लोगों ने  लोकसभा चुनाव में नफरत की राजनीति करने वाली भारतीय जनता पार्टी को  हाराने का काम किया था।  अगर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री  चंद्रबाबू नायडू  की बैसाखियों का सहारा  नहीं मिलता तो  भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने में कामयाब नहीं होती। उन्होंने कहा कि आखिर क्या वजह थी कि 2014 में  जिस बहुमत से भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई थी 2024 में उस पार्टी की हालत सत्ता के करीब पहुंचने  से रह गई थी। हमारे देश के शांतिप्रिय लोग  देश में अमन और शांति चाहते हैं  वह नफरत और भेदभाव और बंटवारे की राजनीति से दूर रहना चाहते हैं। इसलिए भारतीय जनता पार्टी को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना चाहिए  और  देश में नफरत और भेदभाव की जो राजनीति की जा रही है उसे उसमें सुधार लाना चाहिए।
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 मौलाना मदनी ने कहा कि वक़्फ़ संशोधन विधेयक  वक़्फ़ संपत्तियों पर कब्जा करने की सोची समझी रणनीति के तहत लाया गया है। यह वक़्फ़ विधायक हमें किसी भी सूरत में कबूल नहीं है हम इसका हर स्तर पर विरोध करेंगे।  उन्होंने कहा कि विधेयक मैं कई ऐसी बातें शामिल की गई है जिससे सरकार की मंशा उजागर होती है।  उन्होंने उत्तराखंड सरकार के जरिए समान नागरिक संहिता लागू किए जाने  के फैसले का भी विरोध किया।उन्होंने कहा कि  हमारे देश में मौजूद विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों, समुदायों व आदिवासियों  के मौजूद रहते हुए एक समान नागरिक संहिता को  किसी भी सूरत में लागू नहीं किया जा सकता।  उन्होंने कहा कि आप किसी को किसी के धर्म,  संस्कृत, भाषा   रीति रिवाज  से अलग कैसे कर सकते हैं जबकि संविधान ने सभी को  संरक्षण दिया हैं।  उन्होंने कहा कि मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है। मदरसों को बंद करने की साजिश रची जा रही है। मदरसे जो इस्लामी शिक्षा के प्रमुख केंद्र हैं उन्हें  अपनी नफरत की राजनीति का शिकार बनाने की कोशिश की जा रही है।  देश में बुलडोजर कानून चलाने की कोशिश की गई।बिना अपराध साबित हुए अपराधियों के घर तोड़ने की  कोशिश की जा रही है  अदालतों से बाहर इंसाफ करने की कोशिश की जा रही है। यह सभी कार्रवाई मुसलमान होने के कारण उनके ऊपर भेदभावपूर्ण तरीके से की जा रही है।  देश की सुप्रीम कोर्ट ने इन सब कार्रवाइयों पर शिकंजा कक्षा है  जिसकी वजह से मुसलमान का अदालत तो पर भरोसा बढ़ा है।  फिलस्तीन के निहत्थै मुसलमान पर  इसराइल के जरिए बर्बरता पूर्ण कार्रवाई की जा रही है।  पूरी दुनिया में इसको लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहे हैं मगर उसका कोई असर  नहीं हो रहा है। अमेरिका इसराइल के पीछे खड़ा हुआ है  जिसकी वजह से उसे ताकत मिल रही है वरना इसरायल की हैसियत ही क्या है।उन्होंने फिलस्तीन के मुसलमान पर की जा रही जुल्म की कार्रवाई को रोकने की मांग की।  मौलाना ने असम में मुसलमान की स्थिति  का जिक्र करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने  अपने फैसले में बड़ी राहत दी है  जिसकी वजह से हजारों मुसलमान और हिंदू  परिवारों को फायदा पहुंचा है।
इस मौके पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने भी  केंद्र सरकार से  पैगंबर मोहम्मद साहब सहित अन्य धर्मों के  धर्म गुरुओं  और सम्मानित व्यक्तियों के खिलाफ की जाने वाली अभद्र टिप्पणी या बेअदबी आदि करने के खिलाफ सख्त कानून लाने की मांग की है।  उन्होंने कहा कि जब तक हमारे देश में  इस तरह की हरकतों को रोकने के लिए कड़ा कानून नहीं लाया जाता है तब तक  सभी धर्मों के धर्म गुरुओं , पीर पैगंबरों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का सिलसिला खत्म नहीं होगा।  उन्होंने भी वक़्फ़ संशोधन विधेयक को  खारिज करते हुए कहा कि हमारे देश में इसकी कोई जरूरत नहीं है वर्तमान में जो कानून मौजूद है वही बेहतर है।  सम्मेलन में  सर्वसम्मति से वक़्फ़  संशोधन विधेयक,  समान नागरिक संहिता, मदरसों के संरक्षण और फिलीस्तीन के मुसलमान पर हो जुल्म के खिलाफ  प्रस्ताव भी पारित किया गया।